इलाहबाद हाई कोर्ट ने एक ही अपराध के लिए दूसरी बार जेल भेज दिए गए व्यक्ति को तत्काल रिहा करने का दिया आदेश
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- June 24, 2023
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में ही में एक ही अपराध के लिए दुबारा जेल भेज दिए गए दोषी को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया।
जस्टिस राजन रॉय की पीठ ने इस मामले में हाई कोर्ट द्वारा 15 नवंबर 2022 के उस आदेश को भी वापस ले लिया जिसमे अपीलकर्ता के खिलाफ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया गया था। जिसके बाद अपीलकर्ता को दुबारा जेल भेज दिया गया था हालांकि उस मामले में पहले ही वह पूरी सजा काट चुका था।
क्या है मामला ?
इस मामले में राजनरायन उर्फ़ राम को निचली अदालत ने बलात्कार के आरोप में 8 अक्तूबर 2003 को दोषी ठहराते हुए 7 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। उसी साल उसके वकील ने इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी जिस पर सुनवाई नहीं हो सकी।
इसी बीच सजा पूरी कर लेने के बाद राजनरायन को 14 मार्च 2003 को बरेली जेल से रिहा कर दिया गया था। जिस के बाबत कोर्ट को सूचित नहीं किया गया था।
कोर्ट ने राजनरायन की अपील पर समय समय पर नोटिस जारी किया अंततः पिछले साल नवंबर में कोर्ट ने पुलिस को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था। जिस के बाद पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि अपीलकर्ता अपने निवास स्थान को छोड़ कर किसी दूसरे स्थान पर रह रहा है।
इस आधार पर कोर्ट ने 15 नवंबर 2022 को अपीलकर्ता के खिलाफ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया था। वारंट जारी होने पर पुलिस ने अपीलकर्ता को दिसंबर 2022 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब से वह जेल ही में था।
अपीलकर्ता ने विधिक सहायता सेवा के माध्यम से कोर्ट में अपील दायर कर तुरंत रिहाई की मांग की थी।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर अपीलकर्ता को तत्काल रिहा किये जाने का आदेश देते हुए अगस्त 2023 में मामले को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
केस टाइटल :राजनरायन @ राम बनाम स्टेट ऑफ़ यू पी (Criminal Appeal No. 1817 of 2003)
आदेश यहाँ पढ़ें –